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नज़्म- ‘मन की तितलियाँ‘
Hi People! For a change, today I am adding a small recitation video of one of my poetry from my Instagram feed. Check out more of my work on my Instagram. I hope that you enjoy the poetry. Thank you! 🙂 https://www.instagram.com/p/ChMKTWhAOOq/
मेरे प्यार की ख़बर बस मुझको थी…
मेरे जलने की ख़बरबस मुझको थी,,,कहीं उसका नाम ना कह दूँउसे बस ये फिकर थी...था वो नहीं कोई मेरा,है नहीं वो कुछ भी...मगर वो जो कुछ था, ये ख़बरबस मुझको थी....मेरे प्यार की ख़बर बस मुझको थी.... दिल तोड़ जाना है आसान बहुत,दिल में किसी को बसाना मगर ईज़ी (easy) नहीं है,था उसको ये मालूम, …
कहानी जो छोड़ आए पीछे…
कहानी जो छोड़ आए पीछे,छोड़ दो उसे उस हाल पे पीछे... रहने दो फ़ासला बीच में अपने,आ गया जो प्यार के पीछे... रहना है हमें कुछ दिन अकेले,पड़े हो क्यूं मेरे साथ के पीछे? इतनी ज़रूरी भी नहीं मैं तुमको,लगे हो क्यूं नुकसान के पीछे? ख़्वाबों में आना, बहाना है अच्छा,बहाने हैं तेरी हर बात …
बंद हो नज़र में तुम अब…
आँखें खाली-खाली हैंभरी-भरी हैं यादों से, अंधेरे हो रहे हैं रौशनलड़ते मेरे उजालों से... तुमको देखकर लगता हैदेखा नहीं कुछ सालों से, बंद हो नज़र में तुम अबजैसे बंद कोई दीवारों में... १. पूछे हैं राज़ सवाबों नेअपने कई गुनाहों से, हो रही है दुनिया पागलअपने ही जवाबों से, ढ़ूँढ़ती है जाने क्या कुछअपने सवालों …
मेरी हथेलियों पे वो चाँद चमकता है…
मेरी हथेलियों पे वो चाँद चमकता है,मेरी आँखों में एक ख़्वाब धड़कता है...कुछ था जो छिन गया है,वो छिन कर भी मुझमें चहकता है....सीने पर एक बोझ सा है,बोझ वो कैसा हर बार खटकता है...बात भी करे अब कौन मुझसे,मेरी ज़ुबाँ पे बस तेरा नाम अटकता है...ऐसे कौन आता और चला जाता है,मेरे ख़्याल में …
मिला नहीं….
मुझे ख़ुद से भर गया, और वो मुझसे मिला नहीं... आया था वो मुझ तक, हाँ, मुझ तक रुका नहीं... मिलता तो अच्छा था,पर ऐसा कभी हुआ नहीं... प्यार है उससे मुझे,जज़्बा मग़र बचा नहीं... गुलाबी है रूह यूं,के वो मुझसे जुदा नहीं.... कसक है ये ज़िंदगी में,उससे कोई गिला नहीं... Bikhrekhayaal | #रshmi ©️ …
प्यार के साइड-इफेक्ट्स…
प्यार के साइड-इफेक्ट्स मत बताना कभी किसी को, बताना तो बस ये कि प्यार कितना ख़ूबसूरत एहसास है... क्यूंकि हर किसी पर प्यार के साइड-इफेक्ट्स नहीं होते ये बस उन लोगों पर होते हैं जिनका दिल प्यार से लबालब भरा होता है, और एक दिन टूट जाता है, हो जाता है ख़ाली.... प्यार से नहीं, …
प्यार का घर…
पंख लगा कर उड़ आऊँ क्या मैं पास तुम्हारे? ज़मीन पर अब तुम दिखते नहीं हो कहीं किसी आसमान में छुप गए हो शायद वो अकेला आसमान बादलों की रज़ाई ओढ़ सोया हो, जहाँ कोई आता-जाता ना हो, जहाँ से ज़मीं भी नज़र ना आती हो मुट्ठी भर बादलों की आवाजाही हो, एक अदद चाँद …
दर्द…
कोई मोल ना रहा उनके दर्द का, यूँ के वो रिश्तेदारों से अपना दर्द कहते थे... दर्द तो सहते थे मग़र, उन्हें जाने क्यूँ वो अपना हमदर्द कहते थे... हमदर्द कभी दिल नहीं दुखाते, उनके मग़र कुछ अलग थे... ये दिल टटोलते भी थे, दुखाते भी थे और तोड़ते भी थे सुनते भी थे बड़ी …
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