रोल तुम्हारा…

इस ज़र्द सूरत से मत नापना
मेरे दिल की गहराई को,
दरिया बहता है ग़म का, तुम डूब जाओगे…

इन आँखों के स्याह घेरों से मत तौलना
मेरे अरमानों के विज़न (vision) को,
बड़ा है, तुम्हारे तराज़ू में नहीं समाएगा…

इस गेहुँआ रंग के मानिंद मत देखना
मेरे फ़्यूचर (future) को,
दूर है शायद, तुम्हें धुँधला नज़र आएगा…

मेरे हाथों पर पड़े इन नीले निशानों का भी
कोई लेना-देना नहीं है मेरी कुव्वत (ability) से,
ग़लतफ़हमी मत पालना, ये बस कुछ इन्जैक्शनज़ का क़माल है…
कमज़ोर हो गए मत मानना
मेरे हाथों को,
बहुत चुभन है, तुम्हारा अहम डगमगाएगा…

कुछ दवाओं ने बिगाड़ा मुझे,
कुछ किया-धरा दुआओं का भी है…
पर
इस बेड़ौल होते जिस्म से मत भाँपना
मेरी सोच को,
बहुत संभावना है, तुम सोच में पड़ जाओगे…

बेकार की बातों में पड़ गई, ये दोष कुछ हमारा भी है…
पहले थी एक बेवकूफ़ सी लड़की, समझदार हो गई इसमें रोल तुम्हारा भी है…
पर
इस बढ़ती उम्र से मत आँकना
मेरे जोश को,
अब भी पागलपन है, तुम बचपन में लौट जाओगे…

इस उम्रदराज़ होती आवाज़ से मत जानना
मेरी खोती हुई कहानी को,
अब भी हौसला है के तुम ख़ामोश हो जाओगे…

ख़ैर उम्र तो तुम जानते ही होगे मेरी, उम्र तो बस बहाना है
दरअसल तुम्हें बताना है, के मिट्टी की गुड़िया जैसी भोली नहीं अब मैं,
अच्छा हुआ जो तुम आए और तुम गए भी..
अब ये सीधी सी लड़की लोगों को समझने लग गई,
इसमें योगदान तुम्हारा भी है…
मग़र
उस खोए हुए बीते कल से मत जानना
मेरे आज को,
सुलझ गया है, तुम उलझ जाओगे…

अच्छा हुआ जो तुम आए पर नहीं ठहरे…
मैं शरारती आज भी हूँ, पर अब शरारतें नहीं करती…
पगली हूँ आज भी, पर अब तुम्हें याद नहीं करती…
ये जो पढ़ रहे हो ना तुम, तुम्हें नज़राने नहीं करती….

यूँ तुम्हें चुपके से देख कर दिल बहलाने में मज़ा आता है मुझे,
शायद नहीं मिलता ये मज़ा भी, जो तुम्हारे साथ होती..
अच्छा हुआ जो तुम आए पर नहीं ठहरे….
वरना मेरी ये ज़िंदगी इतनी खुशमिज़ाज नहीं होती !!

#रshmi

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