मेरी हथेलियों पे वो चाँद चमकता है…

मेरी हथेलियों पे वो चाँद चमकता है,मेरी आँखों में एक ख़्वाब धड़कता है...कुछ था जो छिन गया है,वो छिन कर भी मुझमें चहकता है....सीने पर एक बोझ सा है,बोझ वो कैसा हर बार खटकता है...बात भी करे अब कौन मुझसे,मेरी ज़ुबाँ पे बस तेरा नाम अटकता है...ऐसे कौन आता और चला जाता है,मेरे ख़्याल में …

प्यार के साइड-इफेक्ट्स…

प्यार के साइड-इफेक्ट्स मत बताना कभी किसी को, बताना तो बस ये कि प्यार कितना ख़ूबसूरत एहसास है... क्यूंकि हर किसी पर प्यार के साइड-इफेक्ट्स नहीं होते ये बस उन लोगों पर होते हैं जिनका दिल प्यार से लबालब भरा होता है, और एक दिन टूट जाता है, हो जाता है ख़ाली.... प्यार से नहीं, …

प्यार का घर…

पंख लगा कर उड़ आऊँ क्या मैं पास तुम्हारे? ज़मीन पर अब तुम दिखते नहीं हो कहीं किसी आसमान में छुप गए हो शायद वो अकेला आसमान बादलों की रज़ाई ओढ़ सोया हो, जहाँ कोई आता-जाता ना हो, जहाँ से ज़मीं भी नज़र ना आती हो मुट्ठी भर बादलों की आवाजाही हो, एक अदद चाँद …

Why do we judge and how we can be less judgmental?

"There is a hairline difference between 'Mean' and 'Judgmental' people, both of them have a tendency to judge you based upon their 'Intentions' and 'Conditions' respectively". ~Rashmi Mishra (#रshmi) By the way people who don't know us also tend to judge us as per their 'Convenience'. But why do they do so? Or let's put …

%d bloggers like this: