मेरे प्यार की ख़बर बस मुझको थी…

मेरे जलने की ख़बर
बस मुझको थी,,,
कहीं उसका नाम ना कह दूँ
उसे बस ये फिकर थी…
था वो नहीं कोई मेरा,
है नहीं वो कुछ भी…
मगर वो जो कुछ था, ये ख़बर
बस मुझको थी….
मेरे प्यार की ख़बर बस मुझको थी….

दिल तोड़ जाना है आसान बहुत,
दिल में किसी को बसाना मगर
ईज़ी (easy) नहीं है,
था उसको ये मालूम, के मुझसी
आसान दूजी नहीं थी…
शायद इसीलिए मैं
‘टेकन फॉर ग्रैन्टेड‘ सी थी …

ये प्यार भी अजीब मज़ाक है,
नहीं करोगे तो खींच कर ले जाएगा,
और कर लिया, तो फिर कहोगे,
के मेरे प्यार की क़दर बस मुझको थी….
मेरा मन ना इधर रहा,
ना कोई बात उधर की थी…
मेरे प्यार की ख़बर बस मुझको थी…

जैसे लड़के प्यार जताते हैं,
कभी-कभी लड़कियाँ भी फिर जाती हैं,
कहना नहीं उससे,
गुज़री हूँ मैं भी चुपके उसके रस्ते से…
मेरे सेल्फ़ रिस्पेक्ट की धज्जियाँ उड़ाते,
मेरे प्यार की ख़बर बस मुझको थी….

मानती हूँ मैं कि टीन-एज का प्यार
बहुत इम्मच्योर होता है,
यही प्यार लेकिन
सब कुछ बदल देता है,
मुझमें क्या बदल रहा था,
इस बात की भनक बस मुझको थी,
मेरे प्यार की ख़बर बस मुझको थी….

एक पागल से कातिब (Writer) दिल ने,
सोचा फिर कुछ और ही,
जाने कहाँ से वो थॉट आया,
और जाने क्या कुछ करने लगी?

बस एक ख़्याल दिल में था,
पास उसके रहना था…
हुआ नहीं पर ऐसा कभी…
ज़ख़्म दिल ने पाए हैं,
रो-रोकर अब मुस्काए हैं
रोना अब आता नहीं,
हँसा मुझसे जाता नहीं….
कुछ बेआवाज़ मुझमें टूटा था,
वो तोड़ कर मुझको
ख़ुदसे मिला रहा था,
इस बात की ख़बर ना मुझको थी,

मेरे दिल को सिर्फ उसकी धुन थी…
मेरे प्यार की ख़बर बस मुझको थी…

– Rashmi Mishra

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