कहानी जो छोड़ आए पीछे,
छोड़ दो उसे उस हाल पे पीछे…
रहने दो फ़ासला बीच में अपने,
आ गया जो प्यार के पीछे…
रहना है हमें कुछ दिन अकेले,
पड़े हो क्यूं मेरे साथ के पीछे?
इतनी ज़रूरी भी नहीं मैं तुमको,
लगे हो क्यूं नुकसान के पीछे?
ख़्वाबों में आना, बहाना है अच्छा,
बहाने हैं तेरी हर बात के पीछे…
रह-रह कर नहीं मरना मुझको,
मौत रोज़ आती है रात के पीछे…
ज़िंदगी से लड़कर क्या मिलता?
ज़िंदगी ख़ुद लगी है जज़्बात के पीछे…
– Rashmi Mishra
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