मेरी हथेलियों पे वो चाँद चमकता है,
मेरी आँखों में एक ख़्वाब धड़कता है...
कुछ था जो छिन गया है,
वो छिन कर भी मुझमें चहकता है....
सीने पर एक बोझ सा है,
बोझ वो कैसा हर बार खटकता है...
बात भी करे अब कौन मुझसे,
मेरी ज़ुबाँ पे बस तेरा नाम अटकता है...
ऐसे कौन आता और चला जाता है,
मेरे ख़्याल में तेरा ख़्याल महकता है....
परवाह मेरी, इस दिल को नहीं है
दिल ये जाने क्यूं बहुत तेज़ धड़कता है....
@bikhrekhayaal | #रshmi
©️therashmimishra.com
Photo Courtesy: Free Photo Library from WordPress
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