पंख लगा कर उड़ आऊँ क्या मैं पास तुम्हारे?
ज़मीन पर अब तुम दिखते नहीं हो
कहीं किसी आसमान में छुप गए हो शायद
वो अकेला आसमान
बादलों की रज़ाई ओढ़ सोया हो,
जहाँ कोई आता-जाता ना हो,
जहाँ से ज़मीं भी नज़र ना आती हो
मुट्ठी भर बादलों की आवाजाही हो,
एक अदद चाँद और एक सूरज गवाह हों
उस नज़ारे के, जहाँ मिल रहे हों दो सितारे,
करोड़ों नुजूमों की मौजूदगी में
फिर वहीं मिलेंगे हम भी,
और रख देंगे अपने पंखों को उतारकर
उन बादलों की सफ़ेद रज़ाई तले,
आसमान की बाहों में गिरवी…
फिर कभी हम भी ज़मीं वालों को नज़र नहीं आएँगे,
और उस बादल में बस जाएँगे
जहाँ सिर्फ़ सुकून हो, बस प्यार ही प्यार हो,
हम भी वहाँ बस जाएँगे, अपने प्यार का घर बनाएँगे
और कभी लौटकर नहीं आएँगे…
#रshmi
©️therashmimishra.com
Photo Courtesy: Free Photo Library by WordPress
Amazing 👌☺️
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Thanks so much!🙂
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