My Hindi Two-liners about ‘Life’…
कभी इसके, कभी उसके इशारों पर चलती,
ये ज़िंदगी जुए का दाँव हो जैसे कोई…
ज़िंदगी के कैन्वस पर तख़य्युल (Imagination) का चेहरा उकेर कर देखो,
तजुर्बे की स्याही का क़माल ख़ुद-ब-ख़ुद दिख जाएगा…
कुछ क़िस्से हम ज़िंदगी को सुनाने बैठे थे,
ये एक ज़िंदगी हमारी पूरी दास्तान लिए बैठी थी…
अच्छा हुआ ख़ैर ये भी के कुछ और ना किया हमने,
बस इश्क़ किया और ज़िंदगी को समझ लिया हमने…
शुक्र है ज़िंदगी ग़म ही देती है…
कभी आईना थमा दे, तो अपने संस्करणों से भी मिल लेना…
मौत के गवाह हुए सारे यहाँ,
ज़िंदगी के हथकंडे कोई जानता नहीं…
मैं जब खुश हो जाऊँ तो नाराज़ होती है ज़िंदगी,
मैं अब नाराज़ हूँ तो बाज़ क्यों नहीं आती?
लिख कर के ज़िंदगी बार-बार बेहिसाब रोया हूँ,
भरा हुआ था होंठों तक, चुप्पी टूटने के बाद रोया हूँ…
#रshmi
©TheRashmiMishra.com
To Be Continued….
Images Courtesy: Photo Library from WordPress
👌
LikeLiked by 1 person
🙏☺
LikeLike
Nice
LikeLiked by 1 person
Thanks!
LikeLike
Welcome
LikeLiked by 1 person
🙂
LikeLike
कभी इसके, कभी उसके इशारों पर चलती,
ये ज़िंदगी जुए का दाँव हो जैसे कोई…
क्या खूब लिखा है।बेहतरीन पंक्तियाँ।
LikeLiked by 1 person
बेहद शुक्रिया! 🙂
LikeLike
Hello I’ve nominated you for mystery awardhttps://abhaysuvada.wordpress.com/2018/05/09/mystery-blogger-award/
LikeLiked by 1 person
Wow! Thank you so much! I am touched by this gesture. 🙂
LikeLiked by 1 person