नई द्रौपदी…

उस दिन जब मैं रोई थी, पूरी रात नहीं सोई थी..
दर्द नहीं था ये किसी की जुदाई का,
मैं तो दर्द देखकर ‘नई द्रौपदी’ का रोई थी…

इस बार यह कौरवों की आखेट नहीं है..
यहां महाभारत का कोई रण-नाद नहीं है..
द्रौपदी इस बार तेज़ाब से जल रही है..
परन्तु यह ‘नया महाभारत’ अकेली लड़ रही है…

इस बार यह पांचाली नहीं है..
परन्तु पीड़ा का आभास वही है..
द्रौपदी के चीर तो वो अब भी हर लेता है,
परन्तु चुरा कर वस्त्र उसके,
दुशासन उसे ही चरित्रहीन कहता है…
क्यों द्रौपदी सब कुछ सहती है, क्यों नहीं कुछ कहती है?
अपनेपन का जो ढ़िंढ़ोरे पिटते हैं, उन्हीं पापियों का पाखंड़ झेलती है…
वहाँ तो माधव आए थे, इस युग में वो ना आएँगे..
अब कोई अलौकिक रूप ना दिखाएँगे..
इसी विचार में खोई थी,
ये रीति देखकर रोई थी !!

इस बार जब उसने भी कमर कस ली थी,
बचाने अपना अस्तित्व चल निकली थी…
तब भी ‘संस्कारों के कहे में’ आ गई,
वो नीति-अनीति के ज्ञान में पली-बढ़ी थी…
दुशासनों का हरण दोहरा नहीं पाई थी,
उसे उनकी करतूतों पर शर्म आई थी..

कैसे नियम तुम मुझे पढ़ाते हो,
इन अत्याचारियों की लाज बचाते हो?
जगत व्यवहार से ये पूछने निकली थी,
अपना संग्राम स्वयं ही लड़ने निकली थी…

लड़ने लगी है अब वो बढ़कर,
माधव की संगामी बनकर…
अब बल है भुजाओं के बाहर-भीतर,
बलशाली नहीं अब दुशासन केवल…
अब ना कहलाती वो ‘नारी बेचारी’,
कहना हो तो कहो इसे तुम महाभारी…

मोहन के इंतज़ार में अब शक्ति नहीं,
ये सोचकर निकली थी,
मोहन ख़ुद ही बनकर निकली थी…

अपने शत्रु को परास्त करने निकली,
दुशासन की पोल खोलने निकली थी…
कहाँ थे अब तक ये सब भुजबल,
क्यों ना उठकर चीखी थी?
ये कैसी भ्रम की कृति थी,
क्यों ना अपने हक में बोली?

मृदुलता के निर्माताओं को सोच कर,
कोमलता के पक्षधरों को विचार कर…
ये अनीति देखकर रोई थी..
दर्द नहीं था ये किसी की जुदाई का,
मैं तो दर्द देखकर ‘नई द्रौपदी’ का रोई थी !!

#रshmi

 

10 Replies to “नई द्रौपदी…”

  1. मार्मिक चित्रण! बहुत ख़ूब लिखा है रश्मि, आज के हालात का बख़ूबी बयान किया है…साधुवाद!

    Liked by 2 people

  2. So true and touching.. This new Mahabharata is worse and more painful.. No Krishna to help and no Pandavas to fight on her behalf, this new Draupadi herself has put on the armour, held the sword and came to the battle field to fight against Kauravas.. Great writing👌👌

    Like

Leave a Reply

Please log in using one of these methods to post your comment:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: