देखिये मैं ख़री ख़री कहता हूँ,
इसीलिये आपको अखरता हूँ..
बातें तो मैं वो भी कर लूँ, जिनसे आपमें घुलता-मिलता हूँ..
पर फिर मैं कैसे सदाकत की बात कहता रहूँ?
ख़ैर जाने दीजिए इन बातों को अभी, कभी और करेंगे..
आज तो ये बता दूँ के मैं आपसे ज़रा संभल कर के रहता हूँ..
अपने तथाकथित दोस्तों से बच कर के चलता हूँ..
अग़र आप आलोचक हो तो ठीक है,
मैं निंदकों से ज़रा दूरी पसंद करता हूँ!!
#रshmi