बेबाकी किसी को रास ना आई तेरी,
नज़रें झुका कर चलना तेरा हरेक को अजीज़ हुआ करता है..
तूने भले ही आज के दौर में साँसें ली हों,
पर जीना तेरा अब भी बहुतों को गवारा नहीं हुआ करता है..
हर कदम पर संघर्ष पाया है,
फिर भी तूने साहस दिखाया है,
तुझे ना आज घुटने टेकना आया है ना तूझे कोई रंज ठग पाया है..
ज़िंदगी तूने ही मेरा साथ निभाया है,
तूफ़ानों से लड़ कर मुझे संभलना सिखाया है..
तेरी क़ीमत तब जान पडी,
जब हर बार तेरी जान पर आन पडी,
तूने जो हिम्मत ना दिखाई होती,
आज तू मेरे साथ ना होती..
ज़िंदगी, सपने लिए इन आँख़ों में आगे बढ़ना चाहती हूँ,
मैं तुझे जीकर तेरा शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ।
#रshmi

बहुत umnda।
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Shukriya Masoom ji.. 🙂
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