कभी इस डाल, कभी उस डाल पर रहती है,
चिड़ियों का आशियाना आलिशान नहीं होता.. होता है तो अपना हौसला
कितनी निश्छल होती है, सबको ख़ुद सा समझती है..
जानती है के ये उजाड़ ही देगी एक दिन,
फिर भी अपना घोंसला बेदर्दों के बीच बनाती है..
वो मस्त जीती हैं, अपनी उड़ान, अपने विश्वास पर,
छोटी सी चिड़िया है, पर बड़ी उम्मीद रखना सिखाती है !!

चल देखें थोड़ा मस्त मौसम हम भी,
चल निकल कर आशियाने से बाहर कोई डाल ढूंढें हम भी,
बैठें उस पर, जियें कुछ मस्ती से हम भी,
चल चिड़िया बनें, चहक लें खुल कर, जी लें अम्बर तक.. लौटें आशियाँ को, अपनी उड़ान का जश्न मनाने हम भी !!
#रshmi